स्वर्ग,धर्म और तपस्यापिता के रुप हैं।तीर्थ, मोक्ष और ईश्वरमाता स्वरुप हैं। स्वर्ग,धर्म और तपस्यापिता के रुप हैं।तीर्थ, मोक्ष और ईश्वरमाता स्वरुप हैं।
तुम बिन सबल नहीं कोई प्राणी। हैं जग जननी मेरी मात भवानी।। तुम बिन सबल नहीं कोई प्राणी। हैं जग जननी मेरी मात भवानी।।
मैं हूँ बेटी मैं बहन हूँ मैं ही माता और पत्नी हूँ मैं हूँ इस कुल की मर्यादा मैं हूँ बेटी मैं बहन हूँ मैं ही माता और पत्नी हूँ मैं हूँ इस कुल की मर्यादा
नेह सुधा जो बरसाती है प्यारी बहना हम कहते हैं पर्व मनोहर न्यारा है जो उसे राखी हम सब कहते ह... नेह सुधा जो बरसाती है प्यारी बहना हम कहते हैं पर्व मनोहर न्यारा है जो उ...
बालक को यदि समझना है तो सर्वप्रथम हमें बालमनोविज्ञान का ज्ञान होना चाहिए बालक को यदि समझना है तो सर्वप्रथम हमें बालमनोविज्ञान का ज्ञान होना चाहिए
जीने दो मुझे सारी दीवारें तोड़ के। जीने दो मुझे सारी दीवारें तोड़ के।